करोना का कहर
हाँ भय है, अलगाव है।
घबराहट है और मौत भी है।
परंतु,
पक्षियां अब भी उड़तीं और चहचहातीं हैं,
फैली हुई महामारी उन्हें नहीं डराती हैं |
डरे हम क्यों फिर करोना वाइरस के प्रहार से,
सक्षम बने और हरायें इसे अपने सतत प्रयास से|
हम क्या करें ,
आगंतुक का स्वागत करें दोनों हाथ जोड़ कर,
आसन दे उनको अपने से तीन फ़ीट के दूरी पर |
मास्क लगाएं जब भी जाना हो घर के बाहर,
साबुन पानी से धोएं हाथ घर वापस आ कर |
न छुएं बारबार अपने नाक, मुँह और कान ,
बचाये रखें इस तरह वाइरस से अपने प्राण |
यदि सर्दी, जुकाम या ज्वर का प्रकोप लगे,
शीघ्र अति शीघ्र डॉक्टर से संपर्क करें |
अलग करें दुसरो को अपने संपर्क में आने से,
बचाये रखे उन्हें वाइरस के चंगुल में जाने से |
प्रार्थना करें,
हे ईश्वर कृपा कर इस महामारी का अंत करें ,
बचाये दुनिया और जीवन फिर आनंद करें |
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