Mantra Shakti

[ In Hindu mythology, it is an accepted practice to chant mantras to achieve desired goals in life. This practice is in existence for thousands of years and it is still being recommended by Pundits and holy men to attain grace and  favour of the Almighty and to solve many problems which human face. ]
  

                                              श्री  गणेशाय  नमः

१.  बुरे  कर्मो को विफल करने के लिए मंत्र
     मांकरल शिवाय नमः
२.  महालक्ष्मी मंत्र/ लक्ष्मी गायत्री मंत्र
      ॐ  श्रीम् हृम श्रीम्  कमले कमलालय प्रसीद् प्रसीद्
      ॐ  श्रीम् हृम श्रीम् महालक्ष्मि नमः 
      ॐ श्रीयम् नमः 
      लक्ष्मी गायत्री मंत्र
      ॐ महालक्ष्मि च विद्महे
       विष्णुपत्नि च धीमही
       तन्नो लक्ष्मि प्रचोदयात्
३.  राम नाम
      राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।
      सहस्त्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने ॥
     [ Lord Shiva tells Parvati:  uttering 'Ram' once is equal to saying 'Vishnu sahastranama'
       (name of God thousand times). I am always saying Ram, Ram, Ram and meditating on
       the mind pleasing name Ram. ]
४.  महा मृत्युंजय मंत्र
    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । 
    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।
     [ Meaning: We worship the three-eyed (lord Shiva) who is fragrant and who nourishes
      well all being; may He librate us from death for the sake of immortality in the same way as
      cucumber is severed from its bondage of the creeper. ]
५.  पढ़ाई में ध्यान के लिये मंत्र 
    ॐ सर्व ज्ञानायः  नमः
    [ दो चम्मच दही खा कर उपरोक्त मन्त्र पढें ]
    [ ज्ञान प्राप्ति के लिए: उपरोक्त मन्त्र ज्ञान मुद्रा में बैठ कर ( अंगूठे को तर्जनी पर रख कर) पढें ]
६.  नौकरी में ऊपर उठने के लिए मंत्र
     ॐ सर्व मंगलाय नमः
    [ अंगूठे को तर्जनी पर रख कर उपरोक्त मन्त्र पढें ]
६. १ नौकरी पाने का मंत्र 
       विश्व भरण पोषण कर जोई |
       ताकर नाम भरत जस होई ||  
७.  विष्णु मंत्र
     मंगलम् भगवन विष्णु मंगलम् गरुढ़ध्वजम् ।
     मंगलम् पुण्डरीकाक्ष मंगलाय तनोहरी ॥
    [ घर में शांति के लिए उपरोक्त मन्त्र पढें ]
८.  घर में सुख शांति का मंत्र
     श्रीनिवासाय नमः
    [ कांच के पात्र में पानी और एक सफ़ेद फूल डाल कर उपरोक्त मन्त्र पढें। पानी और फूल
      रोज बदले ]
९.  जीवन में ऊपर उठने के लिए मंत्र
     ह्युम् नमः
    [ आकाश के ओर देख कर उपरोक्त मन्त्र पढें ]
१०.परीक्षा में सफलता के लिए मंत्र
      ऐंम्  नमः
      [ दो चम्मच दही खा कर उपरोक्त मन्त्र पढें ]
      [ एक गुलाब का फूल माँ दुर्गा के अँगुठे पर लगा क़र उसे साथ ले परीक्षा देने जायें ]
११.  घर से बुरे साये को हटाने के लिए मंत्र 
        श्रीम्  नमः
       [ लोहवान और गूगूल जला कर ११ माला जपे और उपले पर लोहवान और गूगूल जला कर
         सारे घर में घुमाये ]
१२. लक्ष्मिनारायण मंत्र
        ॐ लक्ष्मिनारायणभ्यम् नमः
१३. भैरव मन्त्र
        ॐ श्री भैरवाय नमः
१४. ब्यापार  में बढ़ोतरी के लिए मंत्र
       श्रीम्  नमः
      [ देवी के सामने दिया जला कर औऱ  ग़ुलाब के फूल दिया की चारोँ ओर रख कर इस मंत्र का
        पाठ करे ]
१५. डर हटाने का मंत्र
       ॐ त्रिम् नमः
       [ अंगूठे को तर्जनी पर रख कर उपरोक्त मन्त्र का तीन बार पाठ करे और सारे शरीर पर  हाथ
          रगड़ ले ]
       [ यही मंत्र सिद्धी साधना के लिए है ]
१६. संतान प्राप्ति का मंत्र
        ॐ क्लीं कृष्णाय् नमः
१७. धन प्राप्ति का मंत्र
       ॐ श्रीम् नमः
१८. बाहर जाते हुए कार्य के सफलता के लिए मंत्र
        हुं फट स्वाहा
      [ बाहर जाते हुए चावल का दाना एक एक करके बाये, दाये, आगे, पीछे फेकते हुए उपरोक्त मन्त्र पढें ]
१९.  सरस्वती उपासना मंत्र
        ॐ क्लीं नमः
        [ ज्ञान मुद्रा में बैठ कर पाठ करे ]
        ॐ श्रीम भ्रीम सरस्वतये नमः
         ॐ ऐम् सरस्वतये नमः
          सरस्वती गायत्री मंत्र
         ॐ वाकदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्‌।
२०.  शादी के लिए मंत्र
        सं शुक्राय नमः
        [कार्तिक पूर्णिमा के दिन एक गुलाब का फूल लेकर १०८ बार मंत्र का पाठ करे ]
२१. For gaining confidence
       सोऽहं सोऽहं
       [ शिव लिंग के सामने बैठ कर११ बार normal way में पाठ करे फिर ११ बार loudly में पाठ करे फिर
          ११ बार धीरे आवाज में पाठ करे ]
२२. दुःख विनाश के लिए मंत्र
        ॐ दुखः दुर्गाय नमः
२३. शत्रु विनाश के लिए मंत्र 
        ॐ ह्लीम् नमः
२४. विद्ध्या और बुद्धि का मंत्र 
       ॐ ऐम् नमः
२५. गायत्री मंत्र 
       ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात् ।।
       [ Oh God, the Protector, the basis of all life, Who is self-existent, Who is free from all pains
          and Whose contact frees the soul from all troubles, Who pervades the Universe and sustains
          all, the Creator and Energizer of the whole Universe, the Giver of happiness, Who is worthy of
          acceptance, the most excellent, Who is Pure and the Purifier of all, let us embrace that very
          God, so that He may direct our mental faculties in the right direction. ]
२६.  गणेश मंत्र / गणेश गायत्री मंत्र 
        शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥
        [ Meditate on (the Lord Ganesha) as wearing a white garment, as having the complexion like
          the moon, and having four arms and a pleasant countenance. ]
        गणेश गायत्री मंत्र: इनमे से किसी एक पंक्ति का पाठ करे
        ॐ   तत्पुरुषाय   विद्महे वक्रतुण्डाय   धीमहि । तन्नो   दन्ती   प्रचोदयात्  ॥
        ॐ   एकदंताय    विद्महे वक्रतुण्डाय   धीमहि । तन्नो   दंती    प्रचोदयात्  ।।
        ॐ   लम्बोदराय  विद्महे  महोदराय   धीमहि । तन्नो   दंती    प्रचोदयात्  ।।
        ॐ   महाकर्णाय  विद्महे वक्रतुण्डाय   धीमहि । तन्नो   दंती    प्रचोदयात्  ।।
        ॐ   गजाननाय   विद्महे वक्रतुण्डाय  धीमहि ।  तन्नो  दंती     प्रचोदयात् ।।
        Short mantras of Lord Ganesha
        ॐ गं गणपतये नमः  [This mantra is from Ganapati Upanishad. use it before beginning of a work ]
        ॐ श्री गणेशाय नमः [This mantra is usually taught to children for their good education. ]
        ॐ वक्रतुण्डाय हुम्  [This is a very powerful mantra, as discussed in the Ganesha Purana. When something is not working properly, individually or universally, nationally or internationally, or when the minds of the people turn crooked, negative, depressed or discouraged, the attention of Ganesha may be drawn by this mantra to straighten their ways.]
        ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः  [If some danger or negative energy is coming your way and you don't know how to get rid of that trouble, with true devotion, practice this mantra for quick blessing and purification of one's aura.]
        ॐ श्रीं ह्रीं क्लिं ग्लौम गं गणपतये वारा वरदाय सर्व जन्मने वाशामनाय स्वाह  [Shower Your blessings, O Lord. I offer my ego as an oblation.]
        ॐ सुमुखाय नमः  [ It means you will be always very beautiful in soul, in spirit, in face, everything. By meditating on this mantra, very pleasing manners and a beauty comes on you. Along with that comes peace, which constantly dances in your eyes; and the words you speak are all filled with that power of love.]
        ॐ एकदंताय नमः  [ For a one-pointed mind. Whoever has that oneness of mind and single-minded devotion will achieve everything.]
       ॐ कपिलाय नमः  [whatever you wish, that comes true. There is a wish-cow inside you. Whatever you wish, especially for healing others, comes true immediately.]
      ॐ गजकरणीकाय  नमः  [ It also means that you can sit anywhere and tune this cosmic television (the body) with seven channels (chakras) and all 72,000 nadis, to any loka and be able to hear ancestors, angels, the voice of God or the voice of prophets. That kind of inner ear you will develop through this mantra.]
      ॐ लम्बोदराय नमः  [ It means that all the universes are within you. Like an entire tree is in the seed, the whole universe is in the sound of creation, which is Aum, and that Aum consciousness in you makes you feel that you are the universe. Therefore, if you say, realizing the oneness with the universe, "shanti to the world" every day, then the grace of God will come and there will be world peace, universal peace. It is the universes within Aum and Aum within you.]
      ॐ विकटाय नमः
      ॐ विघ्न नाशनाय नमः   [This mantra invokes the Lord Ganesha to remove every impediment in your life and in your works. By constant meditation on this mantra, all obstacles and blocked energy in your physical and astral bodies are released.]
      ॐ विनायकाय नमः      [By realizing this mantra, your life will have a golden age. In your office, in your work, you'll be the boss. Vinayaka means something under control. Vinayaka means the Lord of problems.]
     ॐ धुम्रकेतुवे नमः  [This mantra is for world peace.]
     ॐ गणाध्यक्षाय नमः   [This mantra is for group healing or a whole country needing healing. You have to bring that entire group or country to your mind's arena and say this mantra. A group healing takes place by this mantra.]
     ॐ भालचन्द्राय नमः   [this is for growth and nectar and peace.]
२७.  हनुमान   गायत्री   मन्त्र
    ॐ   रामदूताय   विद्महे  वायुपुत्राय  धीमहि । तन्नो   हनुमत्   प्रचोदयात्  ।।
    हनुमानजी के बारह नामों की स्तुति
    हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।
    रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम:।।
    उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
    लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
    एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।
    स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
    तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भेवत्।
    राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।
    [यदि किसी व्यक्ति के जीवन में कठिन समय चल रहा है, कुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष है, कार्यों में सफलता
     नहीं मिल पा रही है, घर-परिवार में सुख-शांति नहीं है या किसी प्रकार का भय सता रहा है, बुरे सपने आते हैं,
     विचारों की पवित्रता भंग हो गई है तो यहां दिए गए हनुमानजी बारह नामों का जप करना चाहिए। रोज रात को
     सोने से पहले पूरी एकाग्रता और श्रद्धा के साथ हनुमानजी इन बारह नाम का जप करें।
     यदि आप चाहें तो इन नामों का जप सुबह-सुबह भी किया जा सकता है। किसी शुभ काम को प्रारंभ करने से पहले
     भी इन नामों का जप किया जा सकता है। हनुमानजी की कृपा से आपके सभी काम पूर्ण हो जाएंगे और बाधाएं दूर
     हो जाएंगी। यह उपाय पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाएगा तो जल्दी ही शुभ फल प्राप्त होंगे।]

 Hanuman Mantra
 Ghosts, devils and spirits never trouble a person who regularly recites the Hanuman Mantra. Hanuman Mantra recitation infuses one with unlimited energy and prana. Hanuman Mantra also helps in overcoming the malefic effects of the Saturn and reduces the effects of Sade Sati. Hanuman Mantra recitation also helps small children to get rid of scary and fearful thoughts. 
Rosary to be used for Chanting Hanuman Mantra
Lal chandan ki mala , Lal munga ki mala
Flowers to be used for Hanuman Mantra
Lal vastra , Lal aasan , Lal phal , Lal phul
Total Number of Recitaion/Japa for Hanuman Mantra
Frequency of japa for Hanuman Mantra is 11,000 or 21,0000r 31,000 times
Best Time or Muhurta for Chanting Hanuman Mantra
Amrit sidhhi yog sidh muhurt

Deity of Hanuman Mantra

Lord Hanuman is considered as embodiment of Lord Vishnu and Lord Shiva. Lord Hanuman is easily approachable and there is no prayer to Him which is ever left unanswered. Lord Hanuman represents Consciousness -highly evolved prana or life energy. Lord Hanuman is very simple and compassionate; yet he is also very powerful and courageous. He never hesitates to bestow the quickest and the most abundant benefits to his devotee. Lord Hanuman makes one brave and fearless. 

Benefits of Hanuman Mantra

Regular chanting of Hanuman Mantra increases a person's resilience and he emerges victorious in every challenging situation. Hanuman mantra helps to overcome the difficulties or problems one might encounter in getting a wish fulfilled. Repeated Japa of Hanuman Mantra is believed to dispel ghosts and spirits and ward off maladies such as fever and epilepsy. Hanuman Mantra is also used for attaining physical strength, stamina and power. Hanuman Mantra helps to quickly solve the problems of life such as problems in married life, debt problems, mental disturbances and agony, etc. Hanuman Mantar Japa blesses one with the qualities of courage and confidence, thwarts the efforts of one's enemies and ensures success, strengthens the immune system and blesses one with a long life. By chanting the Hanuman Mantra daily, one becomes active and energetic and doesn't experience laziness in doing any work.

Hanuman Mantra - 1

Recite this Hanuman Mantra for getting physical strength, stamina and power.

ॐ हनुमते नमः | 

Om Hanumate Namah ?

Hanuman Mantra - 2

हं पवन ननदनाय स्वाहा | 

Hang Pawan Nandnaay Swaahaa ?

Hanuman Mantra - 3

This Hanuman Mantra is a very secret mantra with unlimited power in it. This Hanuman mantra brings instant results. One becomes exceptionally powerful by chanting this hanuman mantra.

हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् | 

Hang Hanumate Rudraatmakaay Hung Phatt ?

Hanuman Mantra - 4

Recite this Hanuman Mantra 21000 times to eradicate diseases, evil spirits and other types of disturbances in life.

ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा | 

Om Namo Bhagvate Aanjaneyaay Mahaabalaay Swaahaa ?

Hanumanmantra

ॐ ऐं ह्रीं हनुमते रामदूताय लंकाविध्वंसनाय अंजनी गर्भ संभूताय शाकिनी डाकिनी डाकिनी विध्वंसनाय किलिकिलि बुबुकारेण विभिषणाय हनुमद्देवाय ॐ ह्रीं श्रीं हौं हाँ फट् स्वाहा।। 

Om Aing Hring Hanumate Ramdutay Lankavidhvansnay Anjani Garbh Sambhutay Shakini Dakini Dakini Vidhvanssnay Kilikili Bubukaren Vibhishanay Hanumaddevay Om Hring Shring Haung Ha Phat Swaha ||

Atmonnati Rudra Gayatri Mantra 

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे ,महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ।। 

Om Tatpurushaay Vidmahe ,Mahadevay Dheemahi Tanno Rudrah Prachodayat ||

Rudra Mantra

ॐ अघोरेभ्योsथ घोरेभ्यो घोर घोरतरेभ्य:। सर्वेभ्य: सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रूद्र रुपेभ्य:।। ॐ नमो भगवते रुद्राय ।। 

Om Aghorebhyoath Ghorebhyo Ghor Ghoratebhyah | Sarvebhyah Sarv Sarvebhyo Namaste Astu Rudra Rupebhyah ||

Tvarit Rudra Mantra 

।।ॐ यो रुद्रोsन्गौ योsप्सुय ओषधीषु यो रुद्रो विश्वाभुवना-विवेश तस्मै रुद्राय नमोsस्तु।। 

|| Om Yo Rudroangau Yoapsuy Oshadhishu Yo Rudro Vishvabhuvana-Vivesh Tasmai Rudray Namoastu ||

LaghuMrityunjay Mantra 

।।ॐ ह्रौं जूं सः ।। 

|| Om Hraung Jung Sah ||

Dashakshari Mantra- 

।।ॐ जूं सः मां पालय-पालय ।। 

|| Om Jung Sah Mang Paalay-Paalay ||

Dvadashakshari Mantra 

।। ॐ जूं सः मां पालय-पालय सः जूं ॐ ।। 

||Om Jung Sah Mang Paalay-Paalay Sah Jung Om ||

Mahamrityunjay Mantra

।।ॐ ह्रौं ॐ जूं सः भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम् । उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् भूर्भुवः स्वरों जूं सः ह्रौं ॐ ।। 

||Om Hruang Om Jung Sah Bhurbhuvah Swah Trayambakam Yajamahe Sugandhim Pustiwardham | Urwarukmivbandhanaan Mrityormuksheey mamritat Bhurbhuvah Swaraung Jung Sah Hraung Om |

|| हनुमान मंत्र ||  Hanuman Mantra

Hanuman Moola Mantra

ॐ श्री हनुमते नमः॥
Om Shri Hanumate Namah॥

Hanuman Mantra

हं पवन ननदनाय स्वाहा |
Hang Pawan Nandnaay Swaahaa |
हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् |
Hang Hanumate Rudraatmakaay Hung Phatt
ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा |
Om Namo Bhagvate Aanjaneyaay Mahaabalaay Swaahaa
ॐ ऐं ह्रीं हनुमते रामदूताय लंकाविध्वंसनाय अंजनी गर्भ संभूताय शाकिनी डाकिनी डाकिनी विध्वंसनाय किलिकिलि बुबुकारेण विभिषणाय हनुमद्देवाय ॐ ह्रीं श्रीं हौं हाँ फट् स्वाहा।।
Om Aing Hring Hanumate Ramdutay Lankavidhvansnay Anjani Garbh Sambhutay Shakini Dakini Dakini Vidhvanssnay Kilikili Bubukaren Vibhishanay Hanumaddevay Om Hring Shring Haung Ha Phat Swaha
मनोजवं मारुततुल्यवेगम् 
जितेन्दि्रयं बुद्धिमतां वरिष्थम् 
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं 
श्री रामदूमं शरण प्रपद्ये
Manojavam maruta tulya vegam, jitendriyam buddhi mataam varishtham
vaataatmajam vaanara yooth mukhyam, shree raama dootam sharnam prapadye.
लाल देह लालीलसे, अरुधरिलाल लँगूर ।
बज्र देह दानव दलण, जय जय जय कपिसूर ।।
Laal deha laaleel-se, arudhari-laal langoor
vajra deha daanava dalan, jai jai jai kapi-soor

हनुमान गायत्री मंत्र Hanuman Gayatri Mantra

ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। 
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
Om Anjaneyaya Vidmahe Vayuputraya Dhimahi। 
Tanno Hanumat Prachodayat॥

पंचमुखी हनुमान मंत्र Panchmukhi Hanuman

मंत्र – ॐ हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा

हनुमान दर्शन हेतु मंत्र

ॐ हनुमान पहलवान , वर्ष बारहा का जवान|
हाथ में लड्डू, मुख में पान| आओ आओ बाबा हनुमान|
न आओ तो दुहाई महादेव गौरा – पार्वती की| शब्द साँचा| 
पिण्ड काँचा| फुरो मन्त्र इश्वरो वाचा||

हनुमान जी को प्रसन्न करने हेतु

सुमिरि पवन सुत पावन नामू।
अपने बस करि राखे रामू।।
Sumiri pavana suta pavana namu.
Apane basa kari rakhe ramu.

प्रेत आदि की बाधा निवृति हेतु

ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय
नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।
Om Dakshinamukhaya paccamukha hanumate karalabadanaya
narasinhaya ham him hom haum hah sakalabhitapretadamanaya svahah
प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन।
जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।।
Pranavaum pavanakumara khala bana pavaka gyanadhana.
Jasu hirdaya agara basinha rama sara capa ghara

शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए

ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।
Om Purvakapimukhaya paccamukha hanumate tam tam tam tam tam sakala satru sahanranaya svaha.

धन और स्मृद्धि के लिए

मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन ।
शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो।।
Markatesa mahotsaha sarvasoka vinasana.
Satruna sanhara mam raksha Sriyam dapaya me prabhu.

अच्छी सेहत के लिए

हनुमान अंगद रन गाजे।
हांके सुनकृत रजनीचर भाजे।।
Hanumana angada rana gaje.
Hanke sunakrta rajanicara bhaje.
नासे रोग हरैं सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बल बीरा।।
Nase roga hare sab pira.
Jo sumirai hanumata bal bira.

अपनी रक्षा और यथेष्ट लाभ हेतु

अज्जनागर्भ सम्भूत कपीन्द्र सचिवोत्तम।
रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा।।
ajjanagarbha sambhuta kapindra sacivottama.
Ramapriya namastubhyam hanuman raksa sarvada.

मुकदमे में विजय प्राप्ती के लिए

पवन तनय बल पवन समाना।
बुधि बिबेक बिग्यान निधाना।।
Mukadame me vijaya prapti ke liye is mantra ka jaap karna chahiye.


28.  नवग्रह मंत्र 

Surya : Om hram hreem hroum sah suryaya namah
             ॐ ह्रां ह्रीं  ह्रौं सः  सूर्याय नमः
Chandra  : Om shram sreem shraum sah chandraya namah
                  ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः
Mangala : Om kram kreem kroum sah bhaumaya namah
                 ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाये नमः
Budha : Om bram breem broum sah budhaya namah
              ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधये नमः
Guru : Om jhram jhreem jroum sah gurave namah
            ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
Shukra : Om dram dreem droum sah shukraya namah
               ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राये नमः
Shani  : Om pram preem proum sah shanaischaraya namah
              ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैस्चराये
Rahu : Om bhram bhreem bhroum sah rahave nama
            ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहुवे नमः
Ketu : Om shram shreem shroum sah ketave namah
           ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतुवे नमः

२९.  सफलता के गुड़
बाहर जाते हुए दिन के हिसाब से निम्नांकित कार्य सफलता के लिए करें :-
 रविवार  :- पान का पत्ता साथ ले कर घर से निकलें ।केतुवे
 सोमवार :- आइने में अपने को देख कर घर से बाहर निकलें ।
 मंगलवार  :- गुड़ , चीनी या मिठाई खा कर घर से निकलें । 
 बुधवार   :- हरे धनिया के चार पत्ते रख कर घर से निकलें ।
 वृहस्पतवार :- घर से निकलते समय सरसों के कुछ दाने मुख्य द्वार पर डालें । पीला फूल अपने साथ ले जाएँ ।
 शुक्रवार :- दही खा कर यात्रा शुरू करें । 
 शनिवार :- अदरख या घी खा कर बाहर जाएँ ।

३०.  कुछ लाभदायक टोटके
किसी कार्य की सफलता के लिए घर से निकलने से पूर्व ही जाते वक्त अपने हाथ में रोटी ले लें। रास्ते में जहां भी कौवे दिखाई दें, वहां उस रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े करके डाल दें और आगे बढ़ जाएं। इससे दिन अच्छा गुज़रेगा और सभी कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न होंगे।

यदि व्यापार में घाटा हो रहा हो या फिर मुनाफा होने पर भी पैसे हाथ में टिक ना रहे हों, तो इसके लिए एक उपाय है। नवग्रह यन्त्र और धन यन्त्र नामक दो यन्त्र घर के मन्दिर में शुभ समय में स्थापित करें। इसके अतिरिक्त सोलह सोमवार तक पांच प्रकार की सब्जियां मन्दिर में दें और पंचमेवा की खीर भोलेनाथ को मन्दिर में
अगर आप जल्द से जल्द धन पाना चाहते हैं तो एक पके हुए मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसके मुख पर मौलि बांधकर तथा उसमें जटायुक्त नारियल रखकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। कुछ ही दिनों में आर्थिक लाभ दिखना शुरू हो जाएगा।

अपने दुर्भाग्य को उलटे पांव वापस मोड़ने के लिए एक असरदार टोटका उपाय मौजूद है। सरसो के तेल में सिक्के, गेहूं के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूए, सात मदार (आक) के फूल, सिंदूर, आटे से तैयार सरसो के तेल का दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात में किसी चौराहे पर रख दें। साथ ही कहें – ‘हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूं कृपा करके मेरा पीछा ना करना’। लेकिन ध्यान रहे कि सामान रखने के बाद गलती से भी पीछे मुड़कर न देखें।

किसी को कोई चिंता सबसे ज्यादा सताती है तो वो है शादी की। इसके लिए भी एक टोटका मौजूद है। विवाह योग्य वर या कन्या के शीघ्र विवाह के लिए घर के मन्दिर में नवग्रह यन्त्र स्थापित करें। परिवार या जान पहचान में जिनकी नई शादी हुई हो, उन्हें घर बुलाएं, उनका सत्कार करें और लाल वस्त्र भेंट करें। उनकी आवाभगत में किसी भी प्रकार की कमी ना रखें। उन्हें भोजन या जलपान कराने के पश्चात सौंफ-मिस्री जरूर दें। यह सब करते समय शीघ्र विवाह की कामना करें। यह अटूट उपाय यदि शुक्ल पक्ष के मंगलवार को किया जाए, तो जल्द ही असर करता है।

स्वस्थ शरीर पाने के लिए एक रुपये का सिक्का लें। रात को उसे सिरहाने रख कर सो जाएं। प्रातः इसे श्मशान की सीमा में फेंक आएं। शरीर स्वस्थ रहेगा।

समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए रोज़ कबूतरों को चावल मिश्रित डालें। इसके लिए खासतौर से बाजरा शुक्रवार को खरीदें व शनिवार से डालना शुरू करें| इसके साथ ही यदि मार्ग में कोई सफाई कर्मचारी सफाई करता हुआ दिखाई दे, तो उसे कुछ खाने-पीने के लिए पैसे दें। केवल पैसे पकड़ा कर काम खत्म ना करें, बल्कि साथ ही उसे कहें – ‘चाय-पानी पी लेना या कुछ खा लेना’। यदि सफाई कर्मचारी महिला हो तो शुभ फल अधिक मिलेगा। वैसे तो किसी भी रूप में भी दान करना शुभ माना जाता है, लेकिन रोज़ाना दान-पुण्य करने से परिवार में प्यार व सुख-समृद्धि बढ़ती है।

सूर्य की नकारात्मक ऊर्जा मनुष्य को हर क्षेत्र में पीछे धकेल देती है। इसलिए सूर्य के प्रभाव को बढ़ाने के लिए अग्रलिखित उपाय आवश्यक हैं:

1.  गुरुजनों, बुजुर्ग एवं माता-पिता की जितनी ही सेवा की जाएगी सूर्य का बल भी उतना ही अधिक बढ़ेगा।
2.  किसी योग्य रत्नविद द्वारा सुझाए भार का माणिक्य सोने की अंगूठी में बनवाकर अनामिका अंगुली में रविवार को धारण करें। इसके विकल्प के रूप में गार्नेट उपरत्न भी धारण कर सकते हैं।
3.  सूर्य को जल देते हुए प्रतिदिन 108 बार निम्नलिखित मंत्र का जप करें:
ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात (रविवार से  शुरू करें)।
4.  गाय को गेहूं और गुड़ मिलाकर खिलाएं या हर रविवार को किसी ब्राह्मण को गेहूं का दान करें।

३१. धन प्राप्ति के उपाय 

1. प्रत्येक गुरुवार को तुलसी के पौधे में दूध अर्पित करने से आर्थिक संपन्नता की वृद्धि होती है।
2. बरगद के वृक्ष की छांव में यदि कोई पौधा उग आया हो तो उसे मिट्टी सहित खोद कर निकालें और अपने घर में लगाएं। जिस गति से वह पौधा बढ़ेगा उतनी ही गति से आपकी समृद्धि में वृद्धि होगी।
3. माह के पहले बुधवार की रात्रि में कच्ची हल्दी की एक गांठ भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करें और अगले दिन गुरुवार को उसे पीले धागे में बांधकर अपनी दाहिनी भुजा पर धारण करें। इससे आर्थिक संपन्नता में वृद्धि होगी।
4. धन रखने के स्थान पर पान के पत्ते में शमी की लकड़ी को लपेटकर रखने से धन का अभाव कभी नहीं रहता।
5. नियमित रूप से केले के वृक्ष में जल अर्पित करने और दोनों समय शुद्ध घी का दीपक जलाने से आर्थिक समृद्धि होगी।
6. रविपुष्य योग में मदार की जड़ लाकर दाएं हाथ में पहनने से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।
7. यदि आपके पास धन नहीं रुकता हो तो किसी भी माह के पहले शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिंदूर को साथ रखकर मां लक्ष्मीजी के चरणों से स्पर्श करवाकर धन रखने के स्थान पर रख 

३१.१     धन प्राप्ति का कृष्ण मंत्र 
(सभी मंत्र अमूमन धन प्राप्ति से ही जुड़े हैं, लेकिन कुछ मंत्र ऐसे भी हैं जो आपको कई सिद्धियों की प्राति करा सकते हैं। परन्तु फिर से दोहरा दें, कि इन मंत्रों का सही उच्चारण पहले सीख लें और फिर जाप करें। अन्यथा गलत उच्चारण आपको संकट में डाल सकता है। )
 

पहला मंत्र
“कृं कृष्णाय नमः”... यह श्रीकृष्ण का बताया मूलमंत्र है जिसके प्रयोग से व्यक्ति का अटका हुआ धन प्राप्त होता है। इसके अलावा इस मूलमंत्र का जाप करने से घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है। धार्मिक उद्देश्यों के अनुसार यदि आप इस मंत्र का लाभ पाना चाहते हैं तो प्रातःकाल नित्यक्रिया व स्नानादि के पश्चात एक सौ आठ बार इसका जाप करें। ऐसा करने वाले मनुष्य सभी बाधाओं एवं कष्टों से सदैव मुक्त रहते हैं। इस मंत्र से कहीं भी अटका धन तुरंत प्राप्त होता है।
दूसरा मंत्र
“ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा”... यह कोई साधारण मंत्र नहीं बल्कि श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। अन्य मंत्र शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार 108 बार जाप करने से ही सिद्ध हो जाते हैं लेकिन इस महामंत्र का पांच लाख जाप करने से ही सिद्ध होता है। धार्मिक मान्यतानुसार जप के समय हवन का दशांश अभिषेक का दशांश तर्पण तथा तर्पण का दशांश मार्जन करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है। जिस व्यक्ति को यह मंत्र सिद्ध हो जाता है उसे करोड़पति होने से कोई नहीं रोक सकता।
तीसरा मंत्र
“गोवल्लभाय स्वाहा”... देखने में यह केवल दो शब्द दिखाई दे रहे हैं लेकिन धार्मिक संदर्भ से देखें तो इन शब्दों को बनाने के लिए प्रयोग में आए सात अक्षर बेहद महत्वपूर्ण हैं। यदि उच्चारण के समय एक भी अक्षर सही से नहीं पढ़ा जाए, तो इस मंत्र का असर खत्म हो जाता है। आपको बता दें कि इस सात अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र से अपार धन प्राप्ति होती है। तो यदि आप भी जल्द से जल्द बहुत सारा धन पाना चाहते हैं तो जब समय मिले इस मंत्र का जाप करें। उठते-बैठते, चलते-फिरते... हर समय इस मंत्र का उच्चारण सही रूप से करते रहें। यूं तो इस मंत्र के जाप के लिए कोई विशेष संख्या नहीं बांधी गई है, लेकिन ऐसा पाया गया है कि मंत्र जाप के सवा लाख होते ही आर्थिक स्थिति में आश्चर्यजनक रूप से सुधार होने लगता है।
चौथा मंत्र
“गोकुल नाथाय नमः”... इस आठ अक्षरों वाले श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसकी सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं। जी हां... अब वह इच्छा धन से संबंधित हो, भौतिक सुखों से संबंधित हो या किसी भी निजी कामना को पूरा करने के लिए हो। इस मंत्र का सही उच्चारण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पांचवां मंत्र
“क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः”... आर्थिक स्थिति को सुधारने वाले इस मंत्र का प्रयोग जो भी साधक करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यह मंत्र आर्थिक स्थिति को ना केवल ठीक करता है, वरन् उसमें तेजी से वृद्धि लाता है।
छठा मंत्र
“ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय”... अभी तक जितने भी मंत्र हमने बताए वह सभी सुख एवं संपदा से जुड़े हैं लेकिन यह ऐसा मंत्र है जो विवाह से जुड़ा है। जी हां... जो जातक प्रेम विवाह करना चाहते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से हो नहीं रहा तो वे प्रात: काल में स्नान के बाद ध्यानपूर्वक इस मंत्र का 108 बार जाप करें। कुछ ही दिनों में उन्हें चमत्कारी फल प्राप्त होगा।
सातवां मंत्र
“ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो”... यह मंत्र उच्चारण में थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन इसका प्रभाव उतना ही तेज़ है। यह मंत्र वाणी का वरदान देता है। यहां वाणी से अर्थ उनके लिए नहीं है जो अपनी आवाज़ खो चुके हों... यह मंत्र वागीशत्व प्रदान करता है अर्थात् ऐसी शक्ति जिससे आपकी वाणी की क्षमता मजबूत हो जाती है और जो भी बोलें वह सही सिद्ध हो जाता है।
आठवां मंत्र
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री”... यह 23 अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र है जो जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने मं सहायक सिद्ध होता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी साधक इस तेइस अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र का जाप करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती। उसकी धन से संबंधित सभी बाधाएं इस मंत्र के नियमित प्रयोग से दूर हो जाती हैं।
नौवां मंत्र
“ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”.... यह श्रीकृष्ण का 28 अक्षरों वाला मंत्र है, जिसका जाप करने से मनोवांछित फल प्राप्ति होते हैं। जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसको समस्त अभीष्ट वांछित वस्तुएं प्राप्त होती हैं।
दसवां मंत्र
“लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा”... श्रीकृष्ण के इस मंत्र में उन्तीस (29) अक्षर हैं, जिसका जो भी साधक एक लाख जप के साथ घी, शक्कर तथा शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर हवन भी करे तो उसे स्थिर लक्ष्मी अर्थात स्थायी संपत्ति की प्राप्ति होती है।
ग्यारहवां मंत्र
“नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”... श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया यह मंत्र 32 अक्षरों वाला है। इस मंत्र के जाप से समस्त आर्थिक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यदि आप किसी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो सुबह स्नान के बाद कम से कम एक लाख बार इस मंत्र का जाप करें। आपको जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा...
बारहवां मंत्र
“ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे”... 33 अक्षरों वाले इस मंत्र में ऐसी चमत्कारी शक्तियां हैं जिस पर आप विश्वास नहीं कर पाएंगे। इस श्रीकृष्ण मंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसे समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं। यह मंत्र गोपनीय माना गया है इसे करते समय किसी को पता नहीं चलना चाहिए।
तेरहवां मंत्र
॥ कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जीवान्‌ इति कृष्णः॥ ॥ ओम्‌ वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीव से ॥ श्रीकृष्ण के इस मंत्र में तैंतीस (33) अक्षर हैं, जिसके नियमित जाप से धन से संबंधित किसी भी प्रकार का संकट टल जाता है।

३१.२   धन प्राप्त हेतु रामायण का जाप  
जे सकाम नर सुनहि जे गावहि | 
सुख सम्पति नाना विधि पावहि ||


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